केंद्रीय बजट 2022-23 का विश्लेषण

फाइनांस बिल में गैर कर प्रस्ताव

आरबीआई डिजिटल करंसी जारी कर सके, इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक्ट, 1934 में संशोधन किया जा रहा है।
नीतियों की झलक

विधायी प्रस्ताव: स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स एक्ट, 2005 के स्थान पर एक नया कानून लाया जाएगा, जिससे राज्य ‘उद्यमों और सर्विस हब्स के विकास’ में भागीदार बन सकें। इनमें सभी मौजूदा और नए औद्योगिक एन्क्लेव्स शामिल होंगे। कृषि वानिकी और निजी वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विधायी परिवर्तन किए जाएंगे। सीमा पारीय इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन के लिए इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता में संशोधन किए जाएंगे।

राजकोषीय प्रबंधन: एयर इंडिया की देनदारियों का निपटान करने के लिए 2021-22 में 51,971 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

एमएसएमईज़: इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है और इसका गारंटी कवर 50,000 करोड़ रुपए किया गया है। अब कुल पांच लाख करोड़ रुपए का गारंटी कवर है। दो लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त ऋण की सुविधा के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों हेतु क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट को नया रूप दिया गया है।

स्वास्थ्य एवं पोषण: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए ओपन प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य केंद्रों की डिजिटल रजिस्ट्रीज़, यूनीक हेल्थ आइडेंटिटी, कंसेंट फ्रेमवर्क और स्वास्थ्य केंद्रों का यूनिवर्सल एक्सेस शामिल होगा। मेंटल हेल्थ की उत्तम दर्जे की काउंसिलिंग और केयर सर्विसेज़ देने के लिए एक नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।

नदियों को जोड़ना: 44,605 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से केन-बेतवा लिंक प्रॉजेक्ट को लागू किया जाएगा। नदियों के पांच और लिंकिंग प्रॉजेक्ट्स को लागू किया जा रहा है।

श्रम और रोजगार: डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड (देश) स्टैक ई-पोर्टल को शुरू किया जाएगा। यह पोर्टल नागरिकों को कौशल सीखने, क्रेडेंशियल्स हासिल करने और उपयुक्त नौकरियां खोजने में मदद करेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर: नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में परिवहन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े प्रॉजेक्ट्स को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ा जाएगा। इस फ्रेमवर्क को पिछले वर्ष शुरू किया गया था। पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाओं को वित्त पोषित करने के लिए पूर्वोत्तर परिषद के जरिए प्राइम मिनिस्टर्स डेवलपमेंट इनीशिएटिव फॉर नॉर्थ ईस्ट (पीएम-डिवाइन) को लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋणों के रूप में एक लाख करोड़ रुपए आबंटित किए जा रहे हैं।

सड़क मार्ग: 2022-23 में एक्सप्रेसवेज़ के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क को 25,000 किलोमीटर बढ़ाया जाएगा।

रेलवे: स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति श्रृंखलाओं की मदद के लिए वन-स्टेशन-वन-प्रोडक्ट कॉन्सेप्ट को लागू किया जाएगा। अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 100 कार्गो टर्मिनल भी विकसित किए जाएंगे।

टेलीकॉम: 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाओं के रोलआउट के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। 5जी के लिए इकोसिस्टम बनाने हेतु डिजाइन आधारित मैन्यूफैक्चरिंग की एक योजना शुरू की जाएगी जोकि प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) योजना का हिस्सा होगी।

ऊर्जा और पर्यावरण: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग नीति लागू की जाएगी। कोयला गैसीकरण करने और उद्योग के लिए कोयले को रसायनों में बदलने हेतु चार पायलट परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाने हेतु 2022-23 में सोवरिन ग्रीन बॉन्ड्स जारी किए जाएंगे।
2021-2022 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2022-23 के बजट अनुमान

कुल व्यय: 2022-23 के दौरान सरकार द्वारा 39,44,909 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.6% अधिक है। कुल व्यय में से राजस्व व्यय 31,94,663 करोड़ रुपए (0.9% वृद्धि) और पूंजीगत व्यय 7,50,246 करोड़ रुपए (24.5% वृद्धि) होने का अनुमान है। पूंजीगत व्यय में वृद्धि मुख्य रूप से राज्य सरकारों को दिए गए ऋणों और एडवांस में पर्याप्त वृद्धि के कारण हुई है। 2022-23 में केंद्र सरकार के ऋण और एडवांस 1,40,057 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 153% अधिक है।

कुल प्राप्तियां: सरकारी प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 22,83,713 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.8% अधिक है। इन प्राप्तियों और व्यय के बीच के अंतर को उधारी के जरिए पूरा किया जाएगा, जिसका बजट 16,61,196 करोड़ रुपए है और यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 4.4% अधिक है।

राज्यों के हस्तांतरण: केंद्र सरकार 2022-23 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 16,11,781 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेगी। इसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 0.5% की मामूली वृद्धि है। राज्यों के हस्तांतरण में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल में से 8,16,649 करोड़ रुपए, और (ii) अनुदान और ऋण के रूप में 7,95,132 करोड़ रुपए। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, जीएसटी क्षतिपूर्ति की एवज में 1,59,000 करोड़ रुपए बैक-टू-बैक लोन्स के रूप में राज्यों को हस्तांतरित किए जाएंगे।

घाटे: 2022-23 में राजस्व घाटा जीडीपी के 3.8% पर और राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.4% पर लक्षित है। 2021-22 में प्राथमिक घाटे (ब्याज भुगतान को छोड़कर राजकोषीय घाटा) का लक्ष्य जीडीपी का 2.8% है।

जीडीपी की वृद्धि का अनुमान: 2022-23 में नॉमिनल जीडीपी के 11.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23

सरकार के एसेट्स और देनदारियों में बदलाव करने वाले व्यय (जैसे सड़क का निर्माण या लोन की रिकवरी) को पूंजीगत व्यय कहते हैं और अन्य सभी व्यय राजस्व व्यय होते हैं (जैसे वेतन का भुगतान या ब्याज भुगतान)। 2022-23 में पूंजीगत व्यय के संशोधित अनुमान की तुलना में 24.5% की वृद्धि की उम्मीद है जोकि 7,50,246 करोड़ रुपए है। 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राजस्व व्यय 0.9% बढ़कर 31,94,663 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयूज़) में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री को विनिवेश कहा जाता है। 2021-22 में सरकार द्वारा विनिवेश का 45% लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है (1,75,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य की तुलना में 78,000 करोड़ रुपए)। 2022-23 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपए है।

नोट: 2021-22 के वास्तविक आंकड़े संशोधित अनुमान हैं।

स्रोत: यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स (विभिन्न वर्ष);

2022-23 में प्राप्तियों की झलक

2022-23 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 22,83,713 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.8% अधिक है।

सकल कर राजस्व में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 9.6% की वृद्धि का अनुमान है, जो 2022-23 में 11.1% की अनुमानित नॉमिनल जीडीपी वृद्धि से कम है। यह मुख्य रूप से एक्साइज ड्यूटी में 15% की गिरावट के कारण है। अन्य करों के नॉमिनल जीडीपी की तुलना में तेजी से बढ़ने का अनुमान है। केंद्र सरकार का शुद्ध कर राजस्व (करों में राज्यों की हिस्सेदारी को छोड़कर) 2022-23 में 19,34,771 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

2022-23 में केंद्र के कर राजस्व से राज्यों को 8,16,649 करोड़ रुपए के हस्तांतरण का अनुमान है। 2021-22 में राज्यों के हस्तांतरण में 79,222 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी है। बजटीय चरण में यह 6,65,563 करोड़ रुपए अनुमानित था, और संशोधित चरण में यह 7,44,785 करोड़ रुपए हो गया।

2022-23 में 2,69,651 करोड़ रुपए के गैर कर राजस्व की उम्मीद है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 14.1% कम है।

पूंजीगत प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 20.7% कम होने का अनुमान है। यह विनिवेश के कारण है, जिसके 2022-23 में 65,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है, जबकि 2021-22 का संशोधित अनुमान 78,000 करोड़ रुपए था।

तालिका 2: 2022-23 में कें द्र सिकाि की प्राप्तियों का ब्रेकअप (किोड़ रुपए में)

स्रोत: रेसीट्स बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23;

▪ अप्रत्यक्ष कि: 2022-23 में 13,30,000 करोड़ रुपए का कुल अप्रत्यि कर जमा होने का अनुमान है। सरकार ने इसमें
जीएसटी से 7,80,000 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान लगाया है। जीएसटी के अंतगभत जमा ककए गए कुल करों में 85% कें द्रीय जीएसटी (6,60,000 करोड़ रुपए) और 15% (1,20,000 करोड़ रुपए) जीएसटी िनतपूनतभ सेस से ममलने की उम्मीद है।


▪ कॉिपोिेशन टैक्स: कं पननयों के टैक्स कलेक्शन के 2022-23 में 13% बढकर 7,20,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। 2021-22 के संशोधित अनुमानों से संके त ममलता है कक बजट अनुमान के स्तर पर कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 5,47,000 करोड़ रुपए से 6,35,000 करोड़ रुपए की वद्ृधि होगी।


▪ इनकम टैक्स: इनकम टैक्स कलेक्शन 2022-23 में 14% बढकर 7,00,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। 2021-22
के संशोधित अनुमान के अनुसार, इनकम टैक्स कलेक्शन 6,15,000 करोड़ रुपए होगा जोकक 5,61,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान से 9.6% अधिक है।


▪ गैि कि प्राप्तियाां: गैर-कर राजस्व में कें द्र द्वारा टदए गए ऋण पर ब्याज प्राप्ततयां, लार्ांश और लार्, बाहरी अनुदान,
और सामान्य, आधथभक और सामाप्जक सेवाओं से प्राप्ततयां शाममल हैं। 2022-23 में गैर कर राजस्व 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 14% घटकर 2,69,651 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। ऐसा ब्याज प्राप्ततयों में 14% की धगरावट और लार्ांश और मुनाफे में 23% की धगरावट के कारण है।


▪ वितनिेश के लक्ष्य: 2022-23 के मलए ववननवेश के लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपए है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान
(78,000 करोड़ रुपए) से 17% कम है।

2022-23 में व्यय की झलक
▪ 2022-23 में कुल व्यय 39,44,909 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के सशं ोधित अनुमान से 4.6%
अधिक है। इसमें (i) 11,81,084 करोड़ रुपए कें द्रीय िेत्र की योजनाओं पर खचभ करने का प्रस्ताव है (2021-22 के
संशोधित अनुमान से 1.2% की धगरावट), और (ii) 4,42,781 करोड़ रुपए कें द्र प्रायोप्जत योजनाओं पर खचभ करने का प्रस्ताव है (2021-22 के सशं ोधित अनुमान से 6.6% अधिक)।
▪ सरकार ने 2022-23 में पेंशन पर 2,07,132 करोड़ रुपए खचभ करने का अनुमान लगाया है, जो 2021-22 के
संशोधित अनुमान से 4.1% अधिक है। इसके अनतररक्त 2022-23 में ब्याज र्ुगतान पर 9,40,651 करोड़ रुपए खचभ होने का अनुमान है, जो सरकार के व्यय का 23.8% है।


तालिका 3: 2022-23 में कें द्र सिकाि के व्यय का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23;

मंत्रालयों के व्यय

2022-23 के कुल अनुमानित व्यय में 13 सर्वाधिक आबंटन वाले मंत्रालयों का हिस्सा 53% है। इनमें रक्षा मंत्रालय के लिए सर्वाधिक 5,25,166 करोड़ रुपए का आबंटन है। यह केंद्र सरकार के कुल बजटीय व्यय का 13.3% है। सबसे ज्यादा आबंटन वाले अन्य मंत्रालयों में शामिल हैं: (i) उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, (ii) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, और (iii) गृह मामले। तालिका 4 में 2022-23 के लिए 13 सर्वाधिक आबंटन वाले मंत्रालयों का व्यय और 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में आबंटन में परिवर्तन को दर्शाया गया है।

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